कुछ इस तरह करें इनको पार
यदि आपका ब्लॉग शुरु हो चुका है, तो इसके लिए आपको बधाई। अब अगले कुछ माह आप इसके सबसे महत्वपूर्ण एवं कठिन चरण से होकर गुजरने वाले हैं, जो यह तय करेगा कि आपका ब्लॉग अंजाम की ओर बढ़ेगा या फिर रास्ते में ही कहीं खो जाएगा। क्योंकि ब्लॉगिंग में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों में 10 फीसदी व्यक्ति ही अपने ब्लॉग को आगे जारी रख पाते हैं। बाकि 90 प्रतिशत ब्लॉगिंग को रास्ते में ही छोड़ देते हैं।
आप भी यदि अपने ब्लॉग को अंजाम तक पहुँचाना चाहते हैं, एक सफल ब्लॉगर के रुप में उभरना चाहते हैं, तो यहाँ शेयर किए जा रहे अनुभूत नुस्खे आपके काम आएंगे, ऐसा हमारा विश्वास है।
1. नियमितता बनाएं रखें, नागा न करें – जीवन के हर क्षेत्र की तरह ब्लॉगिंग भी नियमितता की माँग करती है। एक नियमित अन्तराल में अपना ब्लॉग लिखें व पोस्ट करते रहें। माह में 2-3 पोस्ट का औसत कोई कठिन टार्गेट नहीं है। लेकिन कोई भी माह नागा न हो, आपातकाल में भी न्यूनतम 1 पोस्ट तो किसी तरह से डालें ही। यह न्यूनतम है। यह हमारी तरह स्वान्तः सुखाय ब्लॉगर का औसत है, यदि आप प्रोफेशनल ब्लॉगर के रुप में आगे विकसित होना चाहते हैं, तो आप सप्ताह में दो-तीन पोस्ट की ओर बढ़ सकते हैं।
2. अपने पैशन अर्थात् जुनून को करें शेयर – जिस विषय के बारे में आप गहरा लगाव रखते हैं, जिसके बारे में आपका पर्याप्त अनुभव है या जिस पर आपको लगता है कि आप आधिकारिक रुप से कुछ कह सकते हैं, उसे ब्लॉग पोस्ट के रुप में तैयार करें। जितना आप विषय को एन्जॉयाय करेंगे, पाठक भी उस अनुभव का हिस्सा बन पाएंगे। यदि आप अनमने मन से मात्र अपना बुद्धि का उपयोग कर, ईधर-उधर से कंटेंट जुटाकर, बिना अनुभव किए विषय को लिखते हैं, तो यह पाठक की बुद्धि तक ही पहुँच पाएगा, उसके दिल को नहीं छू पाएगा।
3. अपने नीच् (niche) की न करें अधिक चिंता – यदि आपके ब्लॉग का केंद्रिय विषय (नीच्) अभी यदि स्पष्ट नहीं है तो चिंता न करें। जिस विषय पर आपका कुछ अधिकार है, जिसके बारे में आपके पास कुछ परिपक्व राय है, जो आपके पैशन से जुड़ा है, उस पर लिखते जाएं, शेयर करते जाएं। पाठक क्या पढ़ना पसन्द करते हैं, आपकी किस पोस्ट पर पाठकों का कैसा रिस्पोंस आता है, कुछ माह बाद यह स्पष्ट होने लगेगा। और आपका ब्लॉग नीच् (niche) भी स्पष्ट होता जाएगा। ब्लॉगिंग के शुरुआती दौर में इसकी अधिक चिंता न करें, समय के साथ इसकी स्पष्टता उभरती जाती है। यह एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो समय के साथ निखरती है।
4. कुछ भी लिखने की गलती न करें – ब्लॉग में लेखों की संख्या को पूरा करने के लिए कुछ भी लिखकर पोस्ट करने की गलती न करें। क्वांटिटी से अधिक क्वालिटी पर ध्यान दें। ऐसा लिखें जिसे आप स्वयं पढना चाहें, जिसको बाद में पढ़ने पर आपको आनन्द आए, जिसको पढ़ने पर आपकी समस्याओं के समाधान मिले। हर विषय पर सैंकड़ों नहीं हजारों ब्लॉगर्ज रोज लिख रहे हैं, पाठक आपका ही क्यों पढ़ें, विचार करें। आपके ब्लॉग में पाठकों की किन्हीं जिज्ञासाओं के समाधान हो, किन्हीं प्रश्नों के जबाब हों, उनके ह्दय के सूखे पड़े कौने के लिए कुछ रोचक-रोमाँचक अनुभवों का साजो-सम्मान हो, तो आपके ब्लॉग की सार्थकता है। यदि विषय को आप अपने दिलो-दिमाग से लिखते हैं, तो उस पर आपके व्यक्तित्व की मौलिक छाप अवश्य पढ़ेगी और पाठक सामग्री की ताजगी अवश्य अनुभव करेंगे।
5. कॉपी पेस्ट से बचें – आजकल इंटरनेट आने से हर तरह का मैटर आसानी से उपलब्ध रहता है। अपने आलस-प्रमाद में विद्यार्थी परीक्षा में कॉपी-पेस्ट का पर्याप्त सहारा लेते हैं। ब्लॉगिंग में यह गलती न करें। एक तो गूगल गुरु इसको जाँचने में देर नहीं करता, जिससे आपके ब्लॉग की पर्फोमेंस आगे चलकर प्रभावित हो सकती है। आप कॉपी राइट या प्लैगरिज्म के कानूनी पचड़े में भी पड़ सकते हैं। साथ ही पाठक के बीच भी अपनी प्रामाणिकता खो बैठेंगे। यदि कहीं थोड़ी बहुत नकल करनी भी पड़े, तो अक्ल के साथ काम करें। आपके ब्लॉग का मैटर जितना मौलिक हो, ऑरिजनल हो, आपके व्यक्तित्व की खुशबू लिए हो, उतना ही बेहतर रहेगा।
6. उचित फोटो को जोड़ें – आपके विषय से जुड़े उपयुक्त फोटो का उपयोग करें, विशेषरुप से यात्रा वृतांत से जुड़े लेखन में, जहाँ चित्रों का बहुत महत्व रहता है। जो बात आप शब्दों में कह रहे होते हैं, उसमें रही सही कसर फोटो पूरा कर लेते हैं और आपकी ब्लॉग पोस्ट पाठकों को एक बेहरतीन अनुभव देती है। फोटो के चयन के संदर्भ में भी कॉपी-पेस्ट से बचें। यथासम्भव अपनी मौलिक फोटो का ही प्रयोग करें। फोटो को उचित कैप्शन के साथ प्रयोग करें।
7. पर्फेक्ट समय का न करें इंतजार – हर माह न्यूनतम संख्या में ब्लॉग पोस्ट करने के लिए आपको मेहनत करनी होगी, लेखन का एक दैनिक या साप्ताहिक शेड्यूल बनाना पड़ेगा और अंत में समय पर प्रकाशित करना होगा। इसमें अंतहीन बिलम्ब नहीं हो सकता, कि अभी पोस्ट पर्फेक्ट नहीं है, लोग क्या सोचेंगे आदि। इसकी अधिक परवाह किए बिना इतना ध्यान दें, कि आपकी पोस्ट न्यूतम मापदण्ड पूरा कर रही है। यदि थोड़ी बहुत कसर रह भी गई तो आप इसे बाद में भी रिवाइज कर सकते हैं। पोस्ट के संदर्भ में नियमितता का अपना महत्व है। हर माह बिना किसी नागा किए न्यूनतम ब्लॉग तैयार करना तथा पोस्ट करना अपने ब्लॉग की सफलता के संदर्भ में एक अलिखित करार है, जिसे आपको पूरा करना है।
8. उचित प्लेटफार्म पर करें शेयर, यदि आप ब्लॉग तैयार कर इसे पाठकों के बीच शेयर नहीं करेंगे, तो आपके लिखे पर पाठकों की क्या प्रतिक्रिया आती है, वे इसे कितना पढ़ते हैं, इनका रिस्पोंस जानना भी महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं, जहाँ आपकी कुछ उपस्थिति दर्ज हो। एक तो इससे आपके ब्लॉग तक ट्रैफिक आएगा, और पाठकों की पसन्द, नापसन्द आदि के आधार पर फिर अपने लिखे में और क्या सुधार करना है, यह भी पता चलेगा। हर चीज पाठकों को पसन्द ही आए, यह जरुरी नहीं। आपने अपना वेस्ट उड़ेल दिया, इतना ही काफी है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उचित समय पर उत्कृष्टता के कदरदान मिल ही जाते हैं।
9. असफलता के लिए भी रहें तैयार, हमेशा आपके लिखे के लिए रिस्पोंस अनुकूल एवं उत्साहबर्धक ही रहे, जरुरी नहीं। कई पोस्ट में हो सकता है, कोई रिस्पोंस ही न मिले और ऐसे में आपको स्वयं पर ही संशय होने लगे कि ब्लॉगिंग मेरे वश की बात नहीं। इतनी सारी पोस्ट डाली, लेकिन कोई उत्साहबर्धक रिस्पोंस ही नहीं आ रहा। ऐसे उपेक्षा एवं रिजेक्शन के अनुभवों से हर ब्लॉगर्ज को दो चार होना पड़ता है। लेकिन यही आपके जुनून के लिए, पैशन के लिए मसाला भी है। अपने लिखे पर बारीकि से निरीक्षण करें, कहाँ कमी रह रही है, उसको समझें व सुधार करें। इसमें अनुभवीं लोगों का मार्गदर्शन भी ले सकते हैं। यदि आपके पैशन, जुनून में दम है तो हर असफलता से सीख लेते हुए इन्हें सफलता की सीढ़ी बना सकते हैं।
10. कैसे लिखें – यदि आप अभी नौसिखिया लेखक हैं, विचार भाव का समन्दर अंदर लहलहा रहा है, लेकिन इसको शब्द नहीं दे पा रहे। लिखने बैठते हैं, तो एक भी शब्द झर नहीं पाता, झरता भी है तो बेतरतीव रहता है। एक फ्लो में सधा हुआ लेखन नहीं बन पड़ रहा। यदि आप ऐसी कुछ दुबिधा के बीच लिख नहीं पा रहे और लेखन की शुरुआती बारीकियों से परिचित होना चाहते हैं, तो शुरुआती लेखन कला पर हमारी ब्लॉग पोस्ट (लेखन की शुरुआत करें कुछ ऐसे) पढ़ सकते हैं, जिसमें स्टेप वाइज कैसे आगे बढ़ें, इस पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो कोई कारण नहीं कि अगले कुछ माह में ब्लॉगिंग आपके जीवन का हिस्सा बन जाएगी और तब तक आपका गूगल एडसेंस भी एक्टिवेट हो चुका होगा। साथ ही ब्लॉगिंग की बारीकियां आपको अपने अनुभव से समझ आ रही होंगी और आप ब्लॉगिंग की प्रारम्भिक चुनौतियों को पार करते हुए ब्लॉगिंग की अगली कक्षा के लिए तैयार हो चुके होंगे।
यदि आपका ब्लॉग अभी तक नहीं बना है और आप अपना ब्लॉग बनाना चाहते हैं, तो आप पढ़ सकते हैं, ब्लॉगिंग की शुरुआत करें कुछ ऐसे।